दीवाली पर कविता
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना
हर्ष और उल्लास का पर्व दीवाली
रिश्तों में खूब गर्माहट लाना
अंधेरा दूर भगा स्नेह लूटाना
अंधेरा दूर भगा स्नेह लूटाना
नभ तारे शरमायें हो पावन तेरा आना
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना
धवल ज्योति से उजियारा कर
नफ़रत की दीवार ढहाना
ईर्ष्या,द्वेष मिटा प्रेम,सौहार्द्र बरसाना
रौनकता से शान्ति का साम्राज्य बिछाना
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना
काली रात अमावस की
कर आसुरी वृत्तियों का प्रतिकार
कण-कण प्रकाश बिखराना
अनन्त काल तक जग रहे तेरा दीवाना
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना
मन का भाव बतासे सा मीठा
अन्तस्तल खील सा खिलाना
खुशियों की सौगात लुटाकर
शुभागमन से पर्व ये परमानन्द बनाना
शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा
आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना ।
शैल सिंह
शैल सिंह
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