बुधवार, 6 जनवरी 2016

मन इतना आर्द्र है की बस .... मत पूछिये

मन इतना आर्द्र है कि बस मत पूछिये


पठानकोट में शहीद हुए वीर जवान जो उनकी श्रद्धांजलि में
अभी शपथ लो हिन्द के नौजवानों डटकर इन्तक़ाम लेने का
ये सिलसिला तभी थमेगा जब  घुसकर तुम भी पाकिस्तान में
मुँहतोड़ जवाब दे ऐसा हश्र करोगे पापी निशाचरों के ख़ेमे का ।

जो मक्खी,मच्छर जैसे पैदा करती तादातों में वाहियात औलादें
ना कोई तहज़ीब,संस्कार सीखातीं बस जनती रहतीं हरामज़ादे
उन्हें कोई अफ़सोस फ़र्क़ नहीं गोजर की एक टांग टूट जाने का
ग़र महसूसती वज्र का पहाड़ टूटना मलाल होता कुछ खोने का ।

पर तेरी बहना तो थाल सजा बैठी थी इकलौते भाई की राहों में
मेंहदी रचे हाथ,भरी चूड़ियाँ जो सिंगार तब्दील हो गए आहों में
हसरत से देखती रस्ता जिस माँ की आँखों में निर्झर आँसू उमड़े
उस वीर सैनिक की शहादत पर लेने होंगे तुम्हें भी फैसले तगड़े ।

                                                              शैल सिंह

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