बुधवार, 5 जुलाई 2023

ख़ामोश नहीं होना

ख़ामोश नहीं होना --

ख़ामोशी की वाणी से झनझना जातीं दीवारें 
ख़ामोशी और भी संगीन बेहतर लड़ लें प्यारे ।

नाराज भले हो जाना पर निःशब्द नहीं होना
चुप का वार असह्य बहुत,ख़ामोश नहीं होना 
कह सुन लेना पर ख़त्म ना करना वार्तालाप 
लड़ लेना, झगड़ लेना पर ख़ामोश नहीं होना ।

जरा सी ज़िन्दगी है तमाशा ना बने ज़िन्दगी
अन्दर का शोर बता देना ख़ामोश नहीं होना
ख़ामोशी की किताब में दास्तान छुपाते क्यों
आँखें बांच लेतीं हर भाव,ख़ामोश नहीं होना ।

कहीं ख़ामोशी के सन्नाटे में दम ना घुट जाए
शब्द भी लब का पता ऐसा ना हो भूल जाएं
ओढ़ ख़ामोशी का लबादा कह जाते हो सब 
कहीं ख़ामोशी से रिश्तों में विष ना घुल जाएं ।

घातक होती है ख़ामोशी शोर मचाती अन्दर 
ख़ामोशी का रहस्य बता देती जिह्वा अक्सर 
लड़ते भीतर के शोर से निर्वाक् रह बाहर से 
तूफ़ां से पूर्व की ख़ामोशी बरपा जाती कहर ।

निर्वाक्-- मौन
शैल सिंह 

 

4 टिप्‍पणियां:

  1. तूफ़ां से पूर्व की ख़ामोशी बरपा जाती कहर । वाक़ई संवाद हीनता से कोई समस्या हल नहीं होती, प्रभावशाली लेखन

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  2. घातक होती है खामोशी ....वाकई ..बोल लेना बेहतर है । खूबसूरत सृजन

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