योगी जी पर कविता
जन सेवा के यज्ञ लिये ही जग में अवतार लिया है योगी,मोदी ने
भ्रष्टाचारियों,माफ़ियाओं के हवन का प्रण लिया है योगी मोदी ने,
जब त्रस्त हुआ उत्तर प्रदेश अनियंत्रित,अनाचारों ,व्यभिचारों से
जर्जर सड़कें,बिजली गुल चोर,डकैतों,दलितों पर अत्याचारों से,
तब निकल पड़ी आवाम निलय से कीचड़ में कमल खिलाने को
वर्चस्व का सवाल,भूल न जाना यूपी वालों योगी को जिताने को,
सिर चढ़ रंग केसरिया बोला भगवा धार लिया हिन्दुओं ने चोला
बस नेतृत्व चाहिए बाबा जी का जय श्रीराम हर समूहों ने बोला,
देख लो गंगा की विचलित धारायें ख़ुश हो खेल रहीं हैं लहरों से
यमुना का मलिन किनारा भी कर रहा विहंस क्रीड़ा है किरणों से,
योगी आदित्य नाथ के रामराज्य में उजड़ा उपवन भी मुस्काता है
योगी की योजनाओं का नग़मा सुधरे दुर्दिनों का दिल भी गाता है,
हाथी,पंजा,झाड़ू, साइकिल,पतंग का पड़ा केसरिया से पाला है
कहते गर्व से योगी बाबा,एक हाथ में माला एक हाथ में भाला है,
योगी,मोदी के दीवाने कमर कसे हर ज़िले में कमल खिलाने को
वंशवाद नहीं चलेगा ठान लिया है लूटेरों को घुटनों पर लाने को
विश्व में पहचान बनानी है ग़र फिर से खोई हुई प्रतिष्ठा लानी है
सोये हिन्दुओं का ज़मीर जगाकर मातृभूमि की सौगंध दिलानी है,
शिक्षा के स्तर में सुधार कर नकलचियों पे कसा शिकंजा जिसने
डान,माफ़िया,गुण्डे,मवालियों का इलाज कर धूल चटाया जिसने,
जिसने दहशतगर्दों के मंसूबों को कुचलकर ला दिया है घुटनों पर
चलवा देता जो चुटकियों में अवैध क़ब्ज़े,बूचड़खानों पे बुलडोज़र,
जिसके राज में बाहुबली,गैंगेस्टर,कुख्यात दुबके हैं कहीं बिलों में
उसकी दूर-दूर तक छाया देखने का मौक़ा ना देना मीलों-मीलों में,
खोये अवध का गौरव लौटा, शान अयोध्या का बढ़ाया है योगी ने
ख़तम किया वनवास राम का जिसकी अगुवाई की मोदी,योगी ने,
प्राचीन प्रतिष्ठा लौटी,लहरा रहे सभी सनातनी ध्वजा बीजेपी का
असम्भव से सम्भव कार्य हुआ है,जबसे कमल खिला बीजेपी का,
उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल,बहा दिया गंगा विकास की योगी ने
इस ब्रांड नेता में सबको दिखे प्रधानमन्त्री का भविष्य भी योगी में,
चाहे जितना ज़ोर लगा लो भर हुंकार दहाड़ें आयेंगे योगी बाबा ही
जलाकर ठगबंधन की लंका फहराना है भगवा-भगवा रंग झंडा ही,
जनसमूह से एक अपील ठगबंधन को विलुप्त के कगार पे लाना है
ठगबंधनों का अस्तित्व ख़त्म कर,सन्यासी की ही सरकार बनाना है ।
जय श्री राम,वन्दे मातरम्
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
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